पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े वेडिंग फोटोग्राफर की ख्याति प्राप्त है उन्हें
क्या कोई व्यक्ति टेलिविजन पर एक समाचार देखकर अपने भाग्य की लकीरों को बदल सकता है! क्या कोई एक समाचार आदमी को गुमनामी के अंधेरों से निकालकर राष्ट्रव्यापी ख्याति दिलवा सकता है! सुनने में अविश्वसनीय सी लगने वाली यह बात पूरी तरह सत्य सिद्ध करके दिखायी है जोधपुर के श्री अशोक कन्नौजिया ने। श्री अशोक कन्नौजिया का जन्म 12 सितम्बर 1970 को जोधपुर शहर में हुआ। उनके पिता श्री शिवचरण कन्नौजिया रेलवे में सेवा करते हैं। श्री अशोक कन्नौजिया की स्कूली शिक्षा जोधपुर में हुई। वर्ष 1989 में उन्होंने सोमानी कॉलेज से स्नातक उपाधि प्राप्त की।
वर्ष 1991 से वे फोटोग्राफी का कार्य करने लगे। वर्ष 1992 में जब वे 22 वर्ष के थे तब उन्होंने टेलिविजन पर दिल्ली के एक फोटो स्टूडियो का समाचार देखा जिसमें उस स्टूडियो के विजुअल्स भी दिखाये गये थे। इन विजुअल्स में उन्होंने स्टूडियो में फोटो खिंचवाने वालों को कतार लगाकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए देखा। उस समाचार को देखकर श्री अशोक कन्नौजिया ने उसी समय संकल्प किया कि एक दिन वे भी फोटोग्राफी में नाम कमायेंगे तथा ऐसा ही लोकप्रिय फोटो स्टूडियो जोधपुर में स्थापित करेंगे।
संकल्प एक छोटे से विचार के रूप में मन में जन्म अवश्य लेता है किंतु शीघ्र ही वह इतना बड़ा हो जाता है कि संकल्पकर्ता अपने समस्त कार्य छोड़कर उस संकल्प को पूरा करने के लिये उठ खड़ा होता है क्योंकि कोई भी सच्चा संकल्प, कुछ शब्दों में मन ही मन की गयी कोई प्रतिज्ञा मात्र नहीं होता। न ही बिना पंखों के ऊँचे गगन में उड़ने के मिथ्या स्वप्न जैसा होता है। सच्चा संकल्प तो आदमी का अपने आप आपको दिया गया एक वचन होता है। यही कारण है कि सच्चे संकल्प के साथ जुड़े हुए होते हैं प्रयासों के वे अनवरत सिलसले जो आदमी को इस योग्य बनाते हैं कि वह संकल्प को साकार करके दिखा सके। संकल्प आदमी की भूख, प्यास और निद्रा सबकुछ छीन लेते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ श्री अशोक कन्नौजिया के साथ।
श्री अशोक कन्नौजिया ने उसी वर्ष अर्थात् 1992 में मुम्बई जाकर मॉडलिंग फोटोग्राफी के विशेषज्ञ फोटोग्राफरों से इस कार्य का गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया। उस समय आज की तरह डिजीटल फोटोग्राफी का चलन नहीं था। परम्परागत कैमरों पर हाथ साफ करने के लिये कठोर साधना और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती थी। धुन के धनी अशोक ने कैमरों को अपना साथी बना लिया। वे अपना अधिकतम समय उन्हीं के साथ बिताने लगे। धीरे–धीरे उनकी फोटोग्राफी में वह चमक आ गयी जिसके बल पर वे उत्कृष्ट कहलाने की अपनी साध पूरी कर सकते थे। उनके पिता श्री शिवचरण कन्नौजिया तथा उनके पांच भाइयों ने भी श्री अशोक कन्नौजिया का पूरा साथ दिया और हर समय उनके मनोबल को ऊँचा बनाये रखा। इसी बीच उन्हें श्री शैलेन्द्र थानवी का साथ मिला जिन्होंने श्री अशोक कन्नौजिया को फोटोग्राफी के क्षेत्र में सफल होने के लिये अच्छे सुझाव दिये तथा प्रेरणा प्रदान की।
वर्ष 1996 में श्री कन्नौजिया ने अपने आप को पूरी तरह उत्कृष्ट फोटोग्राफी के लिये तैयार कर लिया तथा 25 अप्रेल 1996 को रातानाडा शिवमंदिर रोड पर जोधपुर में एक छोटा सा स्टूडियो स्थापित किया। वर्ष 1997–98 में उन्होंने जोधपुर में मॉडलिंग प्रपोजल फोटोग्राफी में पूरे राजस्थान में प्रसिद्धि प्राप्त की और अपने स्टूडियो के आगे ग्राहकों की कतार लगाकर अपना वह स्वप्न पूरा कर लिया जिसमें उन्होंने ऐसा फोटो स्टूडियो स्थापित करने का विचार संजोया था जिसमें फोटो खिंचवाने के लिये ग्राहकों की कतार लगे। अब उनकी ख्याति जोधपुर से बाहर निकलकर दूसरे शहरों में फैल गयी और वे पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख फोटो ग्राफरों में गिने जाने लगे। छोटी पूंजी के साथ आरंभ किये गये इस व्यवसाय को उन्होंने इतने कम समय में बुलंदियों पर पहुंचाने में सफलता अर्जित की कि आज वे पूरी तरह से आधुनिक स्टूडियो के मालिक हैं।
वर्ष 2004 में उन्होंने सरदारपुरा में संजय स्टूडियो के नाम से भव्य एवं आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्टूडियो की स्थापना की। वर्ष 2005 में उन्होंने अपना कलर लैब स्थापित किया जिसमें वल्र्ड क्लास मशीन की स्थापना की। आज वे जोधपुर में वैडिंग फोटोग्राफी विशेषज्ञ के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं तथा भारत के गिने चुने वेडिंग फोटोग्राफरों में शुमार होते हैं। वे दिल्ली, मुंबई तथा देश के अन्य बड़े शहरों में भी वैडिंग फोटोग्राफी करने जाते हैं।
श्री अशोक कन्नौजिया की सफलता का आकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से एम. बी. ए. करने वाले छात्र–छात्राएं हर वर्ष उनके स्टूडियो पर आकर उनकी व्यावसायिक सफलता के कारणों का अध्ययन करते हैं तथा उस पर प्रोजैक्ट तैयार करके अपनी वार्षिक परीक्षाओं में प्रस्तुत करते हैं।
फोटोग्राफी के व्यवसाय के साथ–साथ श्री अशोक कन्नौजिया समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। भविष्य के लिये श्री अशोक कन्नौजिया की योजना है कि वे हिन्दी फिल्मों के निर्देशन के क्षेत्र में हाथ आजमायें। वे महेश भ तथा मधुर भण्डारकर की तरह ही इस लाइन में सफल होने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने हिन्दी म्यूजिक एलबम ‘‘प्यार में’’ निर्देशित किया है जिसे अच्छी लोकप्रियता मिली। धुन के धनी श्री अशोक कन्नौजिया को इस क्षेत्र में सफलता के कई नये झण्डे गाढ़ने हैं।
सम्पर्क – 312, सैक्शन 7, न्यू पावर हाउस रोड, जोधपुर
दूरभाष – 94141 27682, 0291 5109390
Tuesday, January 19, 2010
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श्री अशोक कन्नौजिया को सफलता के लिए बधाई। आशा है वे औरों की भी प्रेरणा बनेंगे।
ReplyDeleteघुघूती बासूती